Hera Pheri 3 पर परेश रावल के ‘विस्फोटक’ बयान ने तहलका मचा दिया है! क्या बाबूराव के बिना ही बनेगी ये कॉमेडी फ्रेंचाइजी, या ये किसी ‘बड़े खेल’ का हिस्सा है? जानें अक्षय कुमार के बाद कैसे बाबूराव की संभावित अनुपस्थिति फिल्म के भविष्य पर सवाल उठा रही है।
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बॉलीवुड की कल्ट कॉमेडी Hera Pheri और उसके सबसे चहेते किरदार बाबूराव गणपतराव आप्टे का नाम सुनते ही हर चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। दशकों से Hera Pheri 3 का इंतज़ार हो रहा है, लेकिन यह फिल्म सिनेमाघरों तक पहुँचने से पहले ही ‘सस्पेंस’ और ‘अटकलों’ के भंवर में फंस गई है। कभी अक्षय कुमार का नाम इस प्रोजेक्ट से ‘गायब’ होता है, तो कभी स्क्रिप्ट पर ‘काले बादल’ मंडराते हैं। लेकिन अब, खुद परेश रावल ने एक ऐसा विस्फोटक बयान दिया है, जिसने न सिर्फ करोड़ों फैंस को ‘झटके’ दिए हैं, बल्कि पूरे बॉलीवुड में ‘खलबली’ मचा दी है! क्या ये फिल्म वाकई कभी परदे पर नहीं आ पाएगी, या इसके पीछे कोई ‘बड़ा खेल’ खेला जा रहा है?
Hera Pheri 3: बाबूराव की पहचान पर मंडराता संकट
जब इस Movie की खबरें आनी शुरू हुईं, तो फैंस की खुशी ‘सातवें आसमान’ पर थी। सोशल मीडिया पर #PhirHeraPheri3 और #AkshayKumar जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे थे। लेकिन ये खुशी तब ‘उदासी’ में बदल गई, जब पता चला कि अक्षय कुमार इस प्रोजेक्ट का हिस्सा नहीं होंगे। फैंस के लिए यह किसी ‘बड़े झटके’ से कम नहीं था, क्योंकि राजू का किरदार इस कॉमेडी फ्रेंचाइजी की आत्मा रहा है। इसके बाद खबरें आईं कि मेकर्स बाबूराव के किरदार के साथ कुछ ‘गंभीर बदलाव’ करने की सोच रहे हैं।
अब परेश रावल ने खुद इस ‘राज’ पर से पर्दा उठाते हुए एक ऐसा विस्फोटक बयान दिया है, जिसने सबको चौंका दिया है! उन्होंने साफ कहा है, “अगर उन्हें बाबूराव के किरदार के साथ न्याय करने का मौका नहीं मिलता, अगर उसमें वो ‘ओरिजिनल स्पार्क’ नहीं रहता, तो वो इस फिल्म का हिस्सा नहीं बनेंगे।” सोचिए, जिस किरदार ने उन्हें घर-घर में पहचान दिलाई, जिसने उन्हें ‘बाबूराव भैया’ का दर्जा दिया, उसी को लेकर वो ऐसी ‘कड़ी शर्त’ क्यों रख रहे हैं? क्या मेकर्स, ‘डॉन’ फ्रेंचाइजी की तरह, बाबूराव के किरदार को पूरी तरह से ‘बदलने’ की फिराक में हैं? क्या वो बाबूराव को किसी नए ‘अवतार’ में पेश करना चाहते हैं, जो उनके आइकॉनिक अंदाज़ से बिल्कुल अलग हो? क्या बाबूराव अब धोती-कुर्ता छोड़कर सूट-बूट में आएगा, या उसका अनाड़ीपन खत्म हो जाएगा? अगर ऐसा हुआ, तो क्या ये इस Franchisee की ‘आत्मा’ को ही मार देगा? फैंस तो बाबूराव को उसी ‘भोलेपन’, ‘अनाड़ीपन’ और ‘प्यारे’ अंदाज़ में देखना चाहते हैं, जिसे उन्होंने पहली दो फिल्मों में दिल से अपनाया था। क्या मेकर्स इस ‘आइडेंटिटी क्राइसिस’ को हल कर पाएंगे, या वे एक ‘आइकॉनिक किरदार’ को ‘बलि का बकरा’ बना देंगे?
अक्षय कुमार का ‘अदृश्य’ साया: राजू के बिना बाबूराव की ‘अकेली जंग’ कितनी कामयाब?
Franchisee की सफलता का एक बड़ा कारण राजू (अक्षय कुमार), श्याम (सुनील शेट्टी) और बाबूराव (परेश रावल) की लाजवाब केमिस्ट्री थी। उनकी कॉमिक टाइमिंग, एक-दूसरे पर तंज कसना और मुश्किलों में एक साथ फंसना ही इस कॉमेडी फ्रेंचाइजी की जान थी। ये तीनों जब साथ आते थे, तो पर्दा हंसने पर मजबूर कर देता था। अब जब राजू का किरदार फिल्म में नहीं है, तो क्या बाबूराव अकेले वो जादू बिखेर पाएंगे?
परेश रावल के बयान ने एक बार फिर इस सवाल को हवा दे दी है कि क्या Hera Pheri 3 अक्षय कुमार के बिना सफल हो पाएगी? क्या बाबूराव का किरदार तभी खिलकर आता है, जब उसे राजू की शरारतों और श्याम की समझदारी का ‘काउंटर’ मिलता है? क्या सुनील शेट्टी और परेश रावल की जोड़ी, अक्षय कुमार के बिना, वो ही ‘हंसी का धमाका’ कर पाएगी? या फिर परेश रावल अकेले ही अपनी कॉमिक टाइमिंग से पूरी फिल्म को खींच सकते हैं? यह एक बड़ा सवाल है, जिसका जवाब मेकर्स को ढूंढना होगा, वरना फिल्म का हश्र ‘फिर हेरा फेरी’ से भी बुरा हो सकता है, जहां अक्षय कुमार की वापसी हुई थी, फिर भी पहली फिल्म जैसा जादू नहीं दिखा पाई थी। फिल्म की कॉमेडी की सफलता के लिए तीनों किरदारों का संतुलन बेहद ज़रूरी है।
परेश रावल का यह बयान सिर्फ एक एक्टर की चिंता नहीं है, बल्कि करोड़ों फैंस की आवाज़ है, जो अपनी पसंदीदा कॉमेडी फ्रेंचाइजी को ‘बर्बाद’ होते नहीं देखना चाहते। वे नहीं चाहते कि बाबूराव के किरदार के साथ कोई छेड़छाड़ हो। वे चाहते हैं कि Movie अपनी पुरानी फिल्मों की तरह ही मज़ेदार और यादगार हो, जो एक बार फिर लोगों को हंसने पर मजबूर कर दे।
क्या मेकर्स इन चेतावनी को समझेंगे? क्या वे परेश रावल की बात मानकर बाबूराव के किरदार को उसी ‘महानता’ के साथ पेश करेंगे, जिसके वो हकदार हैं? या फिर वे ‘नएपन’ के चक्कर में एक और आइकॉनिक फ्रेंचाइजी को बर्बाद कर देंगे? क्या फिल्म बनने के पीछे कोई ‘बड़ा खेल’ खेला जा रहा है, जैसे कलाकारों के बीच ‘कमीशन’ को लेकर खींचतान, या रचनात्मक मतभेद? क्या यह सिर्फ ‘पब्लिसिटी स्टंट’ है, ताकि फिल्म को और ज़्यादा लाइमलाइट मिल सके?
Hera Pheri 3 का भविष्य अब सिर्फ स्क्रिप्ट और एक्टर्स पर नहीं, बल्कि मेकर्स के ‘दूरदर्शिता’ और ‘फैंस की भावनाओं को समझने’ पर भी निर्भर करता है। यह फिल्म भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है, और इसके साथ किसी भी तरह का ‘जोखिम’ भारी पड़ सकता है। क्या ये फिल्म कभी बन भी पाएगी, या कोई ‘बड़ा खेल’ खेला जा रहा है, जिसका खुलासा होना अभी बाकी है?
Hera Pheri 3: सवाल और संभावनाएं
यह सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक भावना है। इस Movie के फैंस ने सालों से इसका इंतज़ार किया है। परेश रावल का बयान इस बात का सबूत है कि इस फिल्म के साथ भावनात्मक जुड़ाव कितना गहरा है। क्या मेकर्स इन भावनाओं का सम्मान करेंगे? या वे केवल बॉक्स ऑफिस के आंकड़ों पर ध्यान देंगे?
आज के दौर में जहां रीमेक और फ्रेंचाइजी का बोलबाला है, इस Movie से उम्मीदें बहुत ज़्यादा हैं। एक सफल रीमेक या अगली कड़ी बनाने के लिए, ओरिजिनल फिल्म की आत्मा को बनाए रखना बेहद ज़रूरी है। क्या मेकर्स इस Movie के इस ‘गोल्डन रूल’ को समझेंगे? आप इस बारे में और जानकारी के लिए पुरानी फिल्मों की IMDB रेटिंग्स या विकिपीडिया पेज देख सकते हैं।
क्या आप मानते हैं कि इस Movie को बाबूराव के ओरिजिनल अंदाज़ में ही बनना चाहिए? या आप नए प्रयोगों के लिए तैयार हैं? अपनी राय हमें कमेंट्स में ज़रूर बताएं!